मंगलवार, 18 अप्रैल 2017

क्या खबरों में बने रहने चाहते हैं सोनू निगम?

-पहले भी राधे मां की तुलना काली मां से कर फंस चुके हैं सोनू निगम

-अजान पर सोनू निगम ने उठाए सवाल कहीं पब्लिक स्टैंड तो नहीं।

मशहूर सिंगर सोनू निगम को सोमवार को अजान के बारे में अपने विचार सोशल मीडिया पर रखना भारी पड़ गया। असल में सोनू निगम की सोमवार सुबह मस्जिद की अजान से नींद खुल गई जिसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि जब मुहम्मद साहब जिंदा थे तब उनके टाइम पर तो बिजली आती नहीं थी।।फिर एडिसन के आविष्कार के बाद ऐसे चोंचलों की क्या जरूरत है। सोनू यहीं नहीं रुके उन्होंने तो ये तक कह डाला कि ये सब तो सिर्फ गुंडागर्दी है। सोनू के इस ट्वीट के बाद जैसे पूरा सोशल मीडिया उन पर बिफर पड़ा।

अब बॉलीवुड की मशहूर म्यूजिक कंपोजर जोड़ी साजिद-वाजिद ने सोनू निगम की बात पर नाराजगी जताई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक साजिद खान ने इंडिया टुडे से कहा- जब लोग ज्यादा ड्रग्स ले लेते हैं तो उन्हें कोई भी आवाज पसंद नहीं आती।

गौरतलब है कि साजिद-वाजिद को बॉलीवुड के दबंग खान यानि सलमान खान का काफी करीबी माना जाता है और उन्होंने इस मामले पर सोशल मीडिया में भी अपनी राय रखी है। दोनों भाइयों ने सोशल मीडिया पर भी सोनू निगम के बयान की आलोचना की है।

उन्होंने लिखा कि सोनू की बात से मैं बहुत आहत हुआ हूं। जितना मैं उनको जानता हूं, उससे ऐसी बात की अपेक्षा नहीं की जा सकती थी। मालूम हो कि सोनू के इस बयान को सोशल मीडिया पर लिखने बाद सोनू की इस गलती का हर्जाना बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद को भी चुकाना पड़ा जब लोगों ने गलती से सोनू सूद को ट्विटर पर ट्रोल करना शुरू कर दिया। इस पर सोनू सूद ने लिखा- मुझे नहीं मालूम कि कौन, क्यों, कहां पर क्या कहे चला जा रहा है।

वैसे यह पहली बार नहीं है जब सोनू निगम किसी विवाद में फंसे हैं इससे पहले 2015 में भी राधे मां के समर्थन में काली मां से उनकी तुलना कर सिंगर सोनू निगम खुद भी विवादों में घिर गए। इसकी वजह से मुंबई के समीता नगर पुलिस थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई। धर्म रक्षक महामंच के चेयरमैन रमेश जोशी ने यह शिकायत दर्ज कराई थी।

रमेश जोशी ने सोनू निगम पर आरोप लगाया था कि उन्होंने राधे मां से तुलना कर काली मां का अपमान किया है। गौरतलब है कि खुद को देवी घोषित करने वाली राधे मां पिछले कुछ समय से अपने आपत्तिजनक तस्वीरों को लेकर विवादों में घिरी रहीं। एक तस्वीर में वो मिनी स्कर्ट में भी नजर आई थीं।

आपको बता दें सोनू निगम ऐसे सिंगर हैं जो ना सिर्फ हिंदी में बल्कि कन्नड़, उड़िया, तमिल, बंगाली, मराठी और तेलुगु फिल्मों में भी गा चुके हैं। सोनू निगम पिछले साल उस वक्त भी चर्चा में आ गए थे जब उन्होंने नोटबंदी के बाद उसके समर्थन में एक वीडियो रिलीज की थी।

उनके एक फैन मधुर चंद्रा ने लिखा, ‘मैं आपका बड़ा फैन हूं लेकिन यह एक बेहद खराब बयान है। आपको दूसरे धर्मों का भी सम्मान करना चाहिए। यह एक लोकतांत्रिक देश है।’

एक यूजर ने लिखा, ‘मैं भी हिंदू हूं और इस लॉजिक के हिसाब से तो हमारे महाकाव्यों में भी कहीं बिजली के बारे में नहीं लिखा गया है। फिर क्यों हम हिंदू लोग अपने त्यौहारों में लाउडस्पीकर का उपयोग करते हैं।’

एबीपी न्यूज से खास बातचीत में बिग बॉस फेम और बॉलीवुड एक्टर एजाज खान ने कहा, ‘सोनू निगम मेरा दोस्त है। जो आदमी मेरे धर्म के खिलाफ बोलेगा उसको मैं रिस्पेक्ट नहीं कर सकता। वो बड़ा सिंगर है लेकिन आज वो मेरी नजर में जीरो है। सोनू जब हम छोटे थे तो पैरेंट्स ने सिखाया था ‘सुबह जल्दी उठना सेहत के लिए अच्छा होता है’, जो सुबह जल्दी उठते हैं उन्हें अल्लाह बहुत काम देता है। अरिजित सिंह सुबह 5 बजे उठता है और रियाज कर रहा है इसलिए सारे एक्टर्स के लिए वो गाने गा रहा है। मैंने आपसे ये उम्मीद नहीं की थी।’

बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट ने भी सोनू निगम के इस बयान से आपत्ति जताई है। पूजा भट्ट ने लिखा है, मैं हर सुबह अजान और चर्च की घंटियों की आवाज से उठती हूं। साथ ही अगरबत्ती जलाती हूं और मैं तरह की भारतीयता को सलाम करती हूं।

समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने सोनू निगम के बयान की निंदा की और कहा कि सभी लोग अपने अपने धर्म के अनुसार कार्य करते है। उन पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। हिन्दू धर्म में भी रात-रात भर कीर्तन होते रहते हैं। सोनू निगम मीडिया की चर्चा में बनने के लिये और आरएसएस-बीजेपी के करीब जाने के लिये ये सब कर रहे हैं। वे भी रातभर डिस्को करते रहते हैं।

सपा नेता आजम खान ने कहा कि ऐसे इलाके में सोनू निगम ना रहें जहां कानों में उनके लिए नागवार आवाज आती हो, ऐसे इलाको से दूर रहें। जाहिर है नाचने गाने वालों को तो ऐसी जगह रहना चाहिए जहाँ वो अच्छे से रियाज कर सके, सुकून की जिंदगी गुजार सकें। दौलतमंद लोग हैं ऐसी जगह पर रहे जहां भजन, गुरवाणी, अजान सुनाई न दे। नाचने गाने वालो के लिए तो वैसे भी ये जगह सूट नहीं करती। उन्हें इलाके बदलना चाहिए ऐसी जगह पर नहीं रहना चाहिए। सब अपनी अपनी मानसिकता है।

गुरुवार, 16 मार्च 2017

नाहिदा के खिलाफ फतवा नहीं दिया किसी भी मुफ्ती ने

- किसी भी अपील को नहीं कहा जा सकता फतवा - झूठा प्रचार कर मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश - मीडिया में चल रही खबरों में सच्चाई नहीं नई दिल्ली। जूनियर इंडियन आइडल की फस्र्ट रनर अप रहीं नाहिद आफरीन के खिलाफ जारी 46 फतवे वाली खबर गलत है क्योंकि कोई भी अपील फतवा नहीं हो सकती। इस तरह का झूठा प्रचार कर मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। नाहिद आफरीन के मामले में असम के जमीयते उलेमा के सचिव मौलवी फजलूल करीम कासिमी ने कहा कि इस मामले में कोई फतवा जारी नहीं किया गया है। उनका कहना है कि क्या कागज के एक टुकड़े पर एक फतवा जारी किया जाता है? मौलवी फजलूल करीम कासिमी ने जोर दिया कि हमारे समुदाय को आफरीन पर गर्व है। इससे पहले मीडिया ने एक खबर चलाई थी जिसमे दावा किया गया था कि नाहिद के खिलाफ 46 धर्मगुरु ने फतवा जारी किया है लेकिन बाद में ये खबर गलत साबित हुई। बहरहाल आपको बता देते हैं कि फतवा क्या है? इस्लाम में फतवा किसी मुद्दे पर सिर्फ एक मजहबी राय है जो स्वयं या किसी शख्स द्वारा मांगने पर दी जाती और किसी भी शख्स के लिए इसका मानना जरूरी नहीं है और हां, इसे जारी करने वाले के लिए एक खास विधा (फतवा देने के लिए मुफ्ती की पढाई करनी पड़ती है) का जानना जरूरी है, फतवा देने वाले को मुफ्ती कहते हैं। फतवा यानी राय जो किसी को तब दी जाती है जब वह अपना कोई निजी मसला लेकर मुफ्ती के पास जाए। फतवा का शाब्दिक अर्थ असल में सुझाव ही है और इसका मतलब यह है कि कोई इसे मानने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है। यह सुझाव भी सिर्फ उसी व्यक्ति के लिए होता है और वह भी उसे मानने या न मानने के लिए आजाद होता है। चलते-फिरते किसी की बात या अपील को फतवा नहीं कहा जा सकता।