शुक्रवार, 24 मई 2013

माही गिल का BF है 'वो' लेकिन...


फिल्म डायरेक्टर और को-स्टार्स से अपने लिंक-अप के राज से माही गिल ने पर्दा उठा दिया है। हाल में उन्होंने बताया कि उनका बॉयफ्रेंड गोवा में है। जी हां, उनका बीएफ गोवा में है। वह गोवा में होटेल चलाता है। माही का कहना है कि अपने बिजी शेड्यूल के चलते वह लोग कम ही मिल पाते हैं, क्योंकि होटल चेन के चलते वह अक्सर टूर पर रहते हैं। इससे पहले फिल्म डायरेक्ट तिग्मांशु धूलिया के साथ उनका नाम जोड़े जाने पर वह कहती हैं कि फिल्म की पब्लिसिटी के लिए यह सब करने की कतई जरूरत नहीं होती। फिर भी पता नहीं कहां से ऐसी खबरें आती रहती हैं। खास बात यह है कि माही ने अपने बॉयफ्रेंड का काम और गांव तो बता दिया है लेकिन नाम बताने में हिचकिचा रही है। देखते हैं आखिर नाम पर से पर्दा कब उठ पाता है। चलिए, आप भी करिए नाम का इंतजार... :)

क्या यीशु भगवान हैं?


क्या आप कभी ऐसे व्यक्ति से मिले हैं, जो कहीं भी जाने पर आकर्षण का केंद्र बना रहता है? कुछ गूढ़, अवर्णनीय विशेषताएँ उन्हें बाकी सभी मनुष्यों से अलग करती है। दो हजार वर्ष पूर्व ईसा मसीह की स्थिति कुछ ऐसी ही थी। लेकिन यह केवल यीशु का व्यक्तित्व नहीं था, जिसने उनसे प्रेम करने वाले लोगों का मंत्रमुग्ध किया। उनके वचनों और जीवन के साक्षी व्यक्ति हमें बताते हैं कि नाज़ारेथ के यीशु में कुछ बातें ऐसी थीं, जो शेष लोगों से अलग थीं। यीशु का एकमात्र परिचय पत्र वे स्वयं थे। उन्होंने कोई पुस्तक नहीं लिखी, किसी सेना का नेतृत्व नहीं किया, किसी राजनीतिक कार्यालय में नहीं रहे, या किसी संपत्ति के मालिक थे। उन्होंने अधिकतर अपने गाँव से सैकड़ों मील के अंदर ही यात्रा की, और उन लोगों को आकर्षित किया, जो उनके उत्तेजक शब्दों और तेजस्वी कार्यों से चकित हो जाते थे। इसके बावजूद यीशु को देखने और सुनने वालों के लिए उनकी महानता प्रत्यक्ष थी। और यद्यपि अधिकतर महान लोग अंततः इतिहास के पन्नों में खो जाते हैं, यीशु अभी भी हज़ारों पुस्तकों और अद्वितीय मीडिया विवाद के केंद्र बने हुए हैं। और उनमें से अधिकतर विवाद यीशु के स्वयं के बारे में किए गए मौलिक दावों के इर्दगिर्द घूमते हैं—वे दावे, जिन्होंने उनके अनुयायियों और विरोधियों दोनों को विस्मित किया। ये यीशु के अनूठे दावे ही थे, जिनके कारण रोमन अधिकारी और यहूदी पुरोहित दोनों उन्हें खतरे की तरह देखने लगे। हालांकि, वे बिना प्रत्यायक या राजनीतिक आधार वाले बाहरी व्यक्ति थे, तीन वर्षों के अंदर ही, यीशु ने अगली 20 सदियों के लिए दुनिया को बदल दिया। अन्य नैतिक एवं धार्मिक नेताओं ने भी प्रभाव छोड़ा है—लेकिन नाज़ारेथ के अज्ञात बढ़ई के बेटे जैसा नहीं। ईसा मसीह के बारे में ऐसी क्या बात थी जिसने यह अंतर पैदा किया? क्या वे केवल एक महान व्यक्ति थे, या इससे अधिक कुछ और भी थे? ये प्रश्न इस बात के केंद्र तक पहुँचते हैं कि यीशु वाकई में कौन थे। कुछ लोगों का विश्वास है कि वे एक महान नैतिक गुरु थे, अन्यों का मानना है कि वे बस दुनिया के सबसे बड़े धर्म के नेता थे। लेकिन अनेक व्यक्ति इनसे ज्यादा चीज़ों पर विश्वास करते हैं। ईसाईयों का विश्वास है कि वास्तव में ईश्वर मानव रूप में हमारे बीच आए। और उनका मानना है कि प्रमाण इन बातों का समर्थन करते हैं। यीशु के जीवन और कथनों का ध्यानपूर्वक जाँच करने के बाद, कैम्ब्रिज के पूर्व प्रोफेसर और संशयवादी, सी. एस. लुईस उनके बारे में एक चौंकाने वाले निष्कर्ष पर पहुँचे जिसने उनका जीवन ही बदल दिया। तो यीशु वाकई में कौन थे? अनेक लोगों उत्तर देंगे कि यीशु एक महान नैतिक गुरु थे। जिस समय हम विश्व के सबसे विवादास्पद व्यक्ति पर गहरी नज़र डालते हैं, हम निम्न प्रश्न पूछ कर आरंभ करते हैं: क्या यीशु केवल एक महान नैतिक गुरु ही थे?

अगले साल तक देश की आधी आबादी के पास होगा आधार कार्ड


वॉशिंगटन।। अगले साल तक देश की करीब आधी आबादी को आधार कार्ड मिल जाएंगे। यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के चेयरमैन नंदन नीलेकणी ने यह बात कही है। अब तक 38 करोड़ से ज्यादा लोगों को यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किए गए हैं। यह दुनिया के कई बड़े देशों की आबादी से कहीं ज्यादा है। देश के हर नागरिक को यूनीक नंबर देने में अब कुछ ही साल लगेंगे। नीलेकणी ने वॉशिंगटन में बताया कि आधार कार्ड में बायॉमीट्रिक इंफॉर्मेशन भी होगी। वॉशिंगटन के थिंक-टैंक सेंटर फॉर ग्लोबल डिवेलपमेंट की ओर से आयोजित 8वें ऐनुअल रिचर्ड एच सैबट लेक्चर 'टेक्नॉलजी टू लीपफ्रॉग डिवेलपमेंट: दी आधार एक्सपीरियंस' में नीलेकणी ने कहा कि देश के हर नागरिक को यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर देने के लिए इन दिनों यूआईडीएआई मॉडर्न टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने बताया, 'अब तक हमने देश के 1.2 अरब लोगों में से 38 करोड़ को एनरॉल कर लिया है। हम रोज 10 लाख लोगों के कार्ड की प्रोसेसिंग करते हैं। हमारा लक्ष्य इस साल तक 40 करोड़ और अगले साल तक 60 करोड़ कार्ड तक पहुंचने का है।' उन्होंने बताया कि इस काम के लिए देशभर में 25-30 हजार एनरॉलमेंट सेंटर्स हैं। नीलेकणी ने बताया कि देश के लोगों को अलग-अलग सेवाएं देने के लिए यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर एक इंटरनल पासपोर्ट और गेटवे है। उन्होंने बताया कि इससे लोगों को सेवाएं आसानी से और जल्द मिलेंगी। यूआईडीएआई के बॉस ने कहा कि अगले कुछ साल में इसका इस्तेमाल कई अलग-अलग सर्विसेज के लिए किया जाएगा। इसमें केंद्र सरकार का एंबिसियस प्रॉजेक्ट डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम भी शामिल है।

आधार के लिए 3 ऑनलाइन सर्विसेज


नई दिल्ली।। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने शुक्रवार को आधार से जुड़ी 3 सर्विसेज पेश कीं। इससे लोगों को एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए कभी भी, कहीं भी अपनी पहचान (आईडेंटिटी) प्रमाणित कराने में मदद मिलेगी। ये तीन सर्विसेज हैं- ई-केवाईसी, ओटीपी (वन टाइम पिन) और वेरीफिकेशन। इसके अलावा, यूआईडीएआई ने करीब 300 स्थाई आधार एनरोलमेंट सेंटर्स खोलने का भी ऐलान किया। इस साल सितंबर तक इन सेंटर्स की तादाद को बढ़ाकर 1,000 तक करने की योजना है। यूआईडीएआई के चेयरमैन नंदन निलेकणि ने कहा, '' इन सेंटर्स के जरिए ऐसे लोगों को एनरोलमेंट की सुविधा दी जाएगी, जो पूर्व में आयोजित शिविरों में अपना नॉमिनेशन नहीं करा पाए थे।