विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम का कहना है कि आतंकवादी अजमल कसाब को सुनाई गई मौत की सजा की पुष्टि के लिए 26/11 की विशेष अदालत के फैसले और मामले के कागजात को बंबई उच्च न्यायालय के पास भेजने की कवायद में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा।
एक वर्ष लंबी चली सुनवाई की कार्यवाही, 1,522 पृष्ठीय फैसले, गवाहों के जरिए मिले सबूत और हलफनामे में दर्ज उनके बयानों के साथ ही अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए दस्तावेजों की मूल प्रतियों को एक ‘पेपर बुक’ में संकलित किया जाएगा। फिर इस ‘पेपर बुक’ को उच्च न्यायालय के पास भेजा जाएगा।
टाइप किए हुए स्वरूप में ‘पेपर बुक’ को इस महीने के अंत में तैयार कर आगे भेजा जाएगा और फिर उच्च न्यायालय का स्टाफ उसकी सामग्री का मुद्रण करेगा। निकम ने कहा पूरी कवायद में कम से कम तीन महीने का समय लगेगा।
‘पेपर बुक’ के तैयार होने के बाद ही उच्च न्यायालय मामले की सुनवाई करेगा और कसाब को मुंबई में 166 लोगों की जान लेने के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद सुनाई गई मौत की सजा की पुष्टि पर फैसला करेगा। कसाब उच्च न्यायालय में 30 दिन के भीतर अपील कर सकता है।
सरकार भी दो सहआरोपियों फहीम अंसारी और सबाउदुद्दीन अहमद को बरी कर देने के खिलाफ अपील कर सकती है। इस स्थिति में उच्च न्यायालय सभी मामलों की सुनवाई करेगा।
अगर उच्च न्यायालय मौत की सजा की पुष्टि कर देता है तो कसाब के पास उच्चतम न्यायालय में अपील करने का अधिकार होगा। अगर शीर्ष अदालत उसकी मौत की सजा बरकरार रखे तो वह राष्ट्रपति को दया याचिका भी दे सकता है। (भाषा)
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