मंगलवार, 13 अप्रैल 2010

बढ़ई नहीं वास्तुकार थे ईसा मसीह के पिता

ईसा मसीह एक मध्यमवर्गीय वास्तुकार के पुत्र थे, बढ़ई के नहीं और यह भ्रम एक गलत अनुवाद के कारण पैदा हुआ।
एडम ब्रॉडफोर्ड के अनुसार अस्तबल में पैदा होने वाले एक बढ़ई पिता की संतान के बजाय ईसा मसीह दरअसल एक सफल, मध्यमवर्गीय और बेहद बौद्धिक वास्तुकार के पुत्र थे।
डेली मेल के अनुसार ईसा मसीह के जीवन के बारे में सुनाई जाने वाली सबसे बड़ी कहानियों का यह संभवत: एक अलग संस्करण है।
अपनी नई पुस्तक ‘द जीसस डिस्कवरी’ में ब्राडफोर्ड ने यह भी दावा किया कि 12 से 30 वर्ष की आयु के बीच ईसा मसीह धार्मिक स्कूलों में पढ़ रहे थे और वह यहूदिया में उच्च पदस्थ रब्बी थे। गौरतलब है कि इन वर्षों को ईसा मसीह के जीवन के ‘खोए हुए वर्ष' करार कहा जाता है क्योंकि इस दौर के बारे में खास जानकारी उपलब्ध नहीं है।
ब्राडफोर्ड ने यह दावा बाइबल की मूल यूनानी और इब्रानी शास्त्रों के विश्लेषण के बाद किया ताकि ईसा मसीह की पृष्ठभूमि के बारे में सच्चाई का पता लगाया जा सके।
ब्राडफोर्ड ने कहा कि ईसा मसीह के पिता जोसफ के पेशे को जाहिर करने के लिए इस्तेमाल किया गया यूनानी शब्द ‘तेक्तोन’ उन तमाम गलतियों में से एक है, जिनके कारण ईसा मसीह के चरित्र को लेकर मौलिक गलती पैदा हो गई।
उन्होंने कहा कि जहाँ ‘तेक्तोन’ का आमतौर पर अर्थ बढ़ई होता है, वहीं इसका सटीक अर्थ कुशल निर्माता या वास्तुकार होता है। वास्तुकार के रूप में जोसफ का सामाजिक दर्जा ऊँचा रहा होगा जिसके चलते वे अपने पुत्र को बेहतर तरीके से शिक्षा दिला सकते थे।
ब्राडफोर्ड ने कहा कि बाइबल के अधिकांश अंग्रेजी अनुवादों में जोसफ को एक ‘जस्ट’ व्यक्ति कहा गया है। लेकिन ‘व्यक्ति’ शब्द मूल यूनानी पाठ में नहीं है और ‘जस्ट’ का सटीक अनुवाद न्यायपालिका में भागीदार एक वरिष्ठ धार्मिक विद्वान है। (भाषा)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें