'मजा आता अगर गुजरी हुई बातों का अफसानाकहीं से हम बयां करते, कहीं से तुम बयां करते'-'वहशत' कलकतवी
वाकई जब प्यार किसी से होता है तो हर दिन कोई नया अफसाना बनता है और फिर आगे बढ़ती है प्रेम कहानी। हर प्रेमी युगल अपने प्यार को हमेशा अपने साथ रखने का ख्वाहिशमंद होता है। हर कोई चाहता है कि अपने महबूब के साथ गुजरे हर पल का लेखा-जोखा उसके पास हो ताकि तन्हाइयों में वह उन पलों को याद करके एक बार फिर उस सुखद अहसास की अनुभूति कर सके।लेकिन ये क्या जब आप अपना हाले दिल कागज पर उतारने की कोशिश करते हैं तो समझ ही नहीं आता कि कहाँ से शुरू करें? क्या लिखें? आपकी कलम तो अपना काम करने के लिए तैयार रहती है, बस शब्द ही नहीं मिलते। बात सिर्फ शुरुआत की ही नहीं रहती, यदि आप इसे शुरू कर भी लेते हैं तो इसे आगे बढ़ाने में भी आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। खैर, कोई बात नहीं हम आपको कुछ मशविरा दिए देते हैं ताकि आप अपने इस अफसाना-ए-मोहब्बत को धाराप्रवाह लिख सकें।सबसे पहले इस बात पर गौर फरमाएँ कि आपकी प्रेम कहानी में कुछ ऐसा खास हो जो आपको बाँधे रखे और आप उसे पढ़ते समय उस दौर को महसूस कर सकें। हाँ, कुछ विशेष स्वरूप देने के लिए बीच-बीच में शेरो-शायरी, कविता, ग़ज़लें या फिर लव कोटेशन का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अब जरा बात करें कि इसमें आप शामिल क्या करेंगे? देखिए जनाब इसमें कई सारी बातें शामिल की जा सकती हैं लेकिन कुछ खास बातें बहुत ही जरूरी रहेंगी। जरा आगे पढ़ें-सबसे पहले आपकी कहानी में शामिल होना चाहिए कि आप पहली बार उनसे कब, कैसे और कहाँ मिले?* उनसे मिलने के बाद आपके दिल ने क्या कहा?* आपने दोस्ती के लिए उन्हें कैसे प्रपोज किया?* आपको इस बात का अहसास कब और कैसे हुआ कि आप उनके प्यार में डूब चुके हैं?
ये कहानी आपकी होते हुए भी कुछ अलग लगे। यानी कि यदि आपके अलावा कोई तीसरा व्यक्ति भी इसे पढ़े तो ये जान न सके कि ये कहानी आपकी ही है। क्या करेंगे इसके लिए? ज्यादा कुछ नहीं करना होगा सिवाय नाम बदलने के।
* अपने प्यार की अनुभूति को अपने महबूब तक पहुँचाने के लिए आपने क्या किया?*
आपके प्रेम-प्रस्ताव पर उनकी प्रतिक्रिया।*
पहली बार जब आप दोनों मिले वो दिन, तारीख, समय तथा बातचीत का ब्यौरा।* आप दोनों ने कब पहली बार एक-दूसरे को प्यार भरे वो तीन शब्द कहे, जिसे कहने-सुनने के लिए हर प्रेमी युगल बेकरार रहता है।ये और इनके जैसी और भी कई बातें हैं, जिसे आप अपनी प्रेम कहानी में शामिल कर सकते हैं। अब जरा देखें कि मोहब्बत के इस अफसाने का स्वरूप क्या हो?इसके लिए आप कुछ ऐसा कर सकते हैं कि ये कहानी आपकी होते हुए भी कुछ अलग लगे। यानी कि यदि आपके अलावा कोई तीसरा व्यक्ति भी इसे पढ़े तो ये जान न सके कि ये कहानी आपकी ही है। क्या करेंगे इसके लिए? ज्यादा कुछ नहीं करना होगा सिवाय नाम बदलने के। अपने महबूब समेत ऐसे व्यक्तित्व जिन्हें कहानी में शामिल करना है, सभी को नया नाम दे दें। साथ ही अपनी कल्पना शक्ति का उपयोग करके कुछ ऐसी बातें शामिल करें जो अलग हों।चाहें तो अपनी कहानी को कुछ इस अंदाज में लिख सकते हैं कि- 'कुछ साल पहले की बात है....'या फिर इस अफसाने को डायरी की शक्ल भी दे सकते हैं। जैसे कि जब आप दोनों मिले उस तारीख के साथ लिखें - 'आज मैंने उसे पहली बार देखा...।'यदि कुछ और अंदाज में लिखना चाहें तो शुरुआत करें शायरी से.. या फिर किसी कविता की कुछ चुनिंदा पंक्तियों से।तो जनाब अब जबकि आपने अपनी प्रेम कहानी लिखने का मन बना ही लिया है तो फिर हम कहाँ ठहरते हैं। बस उठाइए कागज-कलम और रच दीजिए अपनी प्रेम कहानी....।
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