रविवार, 12 सितंबर 2010

पुलिस

देश में पुलिस बल को सार्वजनिक व्यवस्था का रख-रखाव करने तथा अपराधों की रोकथाम और उनका पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भारत के प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश का अपना अलग पुलिस बल है। भारत के संविधान का अनुच्छेद 246 (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं) पुलिस को राज्य सूची में रखता है जिसका मतलब यह है कि प्रत्येक राज्य सरकार पुलिस बल को शासित करने वाले नियम और विनियम बनाती है। ये नियम और विनियम प्रत्येक राज्य के पुलिस बल की नियमावली में सन्निहित हैं।

राज्य के पुलिस बल का मुख्य पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक होता है। प्रत्येक राज्य को सुविधाजनक क्षेत्रीय मंडलों में बांटा गया है, जो रेंज कहलाता है और प्रत्येक पुलिस रेंज पुलिस, उपमहानिरीक्षक के प्रशासनिक नियंत्रण में होता है। एक रेंज में कई जिले होते हैं। जिला पुलिस को और आगे पुलिस डिवीजन, सर्कलों और थानों में विभाजित किया गया है। सिविल पुलिस के अलावा राज्य अपनी स्वयं की सशस्त्र पुलिस भी रखते हैं और उनमें अलग से गुप्तचर शाखायें अपराध शाखायें आदि होती हैं। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद, अहमदाबाद, नागपुर, पुणे जैसे बड़े शहरों में पुलिस व्यवस्था प्रत्यक्ष रूप से पुलिस आयुक्त के अधीन होती है। विभिन्न राज्यों में सभी बड़े पुलिस अधिकारी पदों पर भर्ती भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) द्वारा की जाती है, जिसकी भर्ती परीक्षा में पूरे भारत के प्रतिभावान अभ्यर्थी शामिल होते हैं।

केन्द्रीय सरकार केंद्रीय पुलिस बल रखती है, इसके पास गुप्तचर ब्यूरो (आईबी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) (बाहरी वेबसाइट जो एक नई विंडों में खुलती हैं), पुलिस अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए संस्थायें और विधि विज्ञान संस्थायें हैं। यह संस्थायें राज्यों को सूचना एकत्र करने, कानून व्यवस्था बनाए रखने, विशेष आपराधिक मामलों की जांच करने और राज्य सरकारों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण देने में सहायता प्रदान करती हैं।

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